राष्ट्रीय क्षति: नहीं रही भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर
ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंखों में भर लो पानी।
झलको न्यूज़, बीकानेर।
स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, भारत रत्न पूज्य लता मंगेशकर का आज देहान्त हो गया। उनके देहांत के समाचार से आज सम्पूर्ण भारत वर्ष में शोक की लहर दौड़ गई है। लता जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। मधुर कंठ की लता जी ने छः दशकों से अधिक समय तक 36 भाषाओं में 50 हजार से अधिक संगीत में स्वर सजाए एवं 1000 से अधिक फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। मृत्यु पर्यन्त संगीत के लिए समर्पित भारत पुत्री लता जी के रूप में भारत को एक ऐसा रत्न मिला, जिन्होंने संगीत के माध्यम से मां भारती की सेवा की। जिनके कंठ एवं जिह्वा पर साक्षात माँ सरस्वती का वास था और सरस्वती पूजा (बसंत पंचमी) से ठीक एक दिन पश्चात उनका सदा के लिए विदा होना एक संयोग है। आज वो सर्वाधिक लोकप्रिय व जादुई आवाज़ हमेशा के लिए ख़ामोश हो गई, लेकिन उनके स्वर सदा अमर रहेंगे।
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